मैं कौन हूँ .....

मैं एक शब्द हूँ
एक आस्था हूँ
एक विश्वास हूँ
एक प्रेरणा हूँ
... समर्पण हूँ ... प्रतिबदत्ता हूँ

मैं एक सच हूँ
ईश्वर का आशीर्वाद हूँ
माँ का प्यार हूँ
अपनों का दुलार हूँ
पिता का संसार हूँ
ऊँगली थम कर चला
उनकी लाठी का काठ हूँ

मैं एक संघर्ष हूँ
तूफ़ान में खडा पेड़ हूँ
लहरों से टकराता पर्वत हूँ
डोर से बंधा पतंग हूँ
कभी सावन कभी भादो तो कभी पतझड़ हूँ

मैं प्रकृति का सौन्दर्य हूँ
बारिश की बूँद हूँ
पंछी की कलरव हूँ
फूल की खुशबू हूँ
एक बच्चे की मोहक निर्मल मुस्कान हूँ
मैं उज्जवल सा उज्जवल सिर्फ और सिर्फ उज्जवल हूँ .

2 comments:

Anonymous said...

sundar-sachhi bhavnayen !

Ujjwal Srivastava said...

धन्यवाद निधि जी ......

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