जाने से पहले इतना तो कर जाउंगी
तेरे पलकों की पोरों को गीला कर जाउंगी !
मेरी आँखों की नमी को तो तू देख न पाया
अब तेरे खरे पानी का दर्द तुझे सताएगा !
मैं तेरी यादों में रात भर तड़पती रही
पर अब तू खुद सोना भूल जायेगा !
मेरे दिल-ए- दर्द को तुने मजाक समझा
अब तेरा दर्द ही तुझे मेरी याद दिलाएगा !
मैं सिर्फ तेरी हूँ , यदि यह सच है
तो देखना एक रोज तू भी मेरा हो जायेगा !
अगर मेरा प्यार सच है तो
खुदा खुद तुझे ले मेरे पास आयेगा !!
5 comments:
मेरी आँखों की नमी को तो तू देख न पाया
अब तेरे खरे पानी का दर्द तुझे सताएगा !
Very nice, anybody can feel tha pain...good.
निधि जी , रचना पसंद करने के लिए आपका आभार ......
आपने सच मैं दिल की गहराई मैं जा के ये रचना लिखी है...दिल के कुछ तारो को छु गयी...दुआ है आप के लिए की इस तरह दिल को छुने वाली रचना आगे भी हमारे सामने प्रस्तुत करते रहेंगे ....धन्वाद
राजेंदर चौहान
http://rajenderblog.blogspot.com
राजेंदर जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद ......कोशिश करूँगा की आपकी उम्मीदों पे खरा उतरु .....
wah wah kya kavita likhi hai aapne ki mujhe bhi mera kl yaad aa gaya........dil k taaro ko fir se bjane k leye dhanywad aur bahut sari shubhkamnayen.........
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